What is Belching (Burp) ? बार बार डकार आने के कारण, Dakkar डकार का आना क्यों जरूरी है



Dakkar || डकार ॥ का आना क्यों जरूरी है हमारे स्वास्थ के लिए ॥
Home Remedies for Acidity Heartburn
Dakar Aane Ke Karan or Gharelu Upchar in Hindi डकार लेना आमतौर पर ये समझा जाता है की जो खाना हम ने खाया है वो या तो हजम हो गया है या हमारे सिस्टम का संकेत है की अब और खाना नहीं लेकिन ऐसा नहीं है। जब कोई इंसान खाना खाते वक्त या उसके बाद बार-बार डकार लेता है तो इसका मतलब है कि उसने खाने के साथ ज्यादा मात्रा में हवा निगल ली है। जब हम हवा निगलते हैं तो उसी तरह बाहर भी निकलती है, इसलिये जब यह मुंह से बाहर निकलती है तो हम इसे डकार कहते हैं।
यह पेट से गैस के बाहर निकलने का प्राकृतिक तरीका है, अगर पेट से गैस बाहर न निकले तो यह कई पेट की समस्याओं को जन्म देती है जैसे पेट में बहुत दर्द और पेट फटने या अफारा जैसा आदि। लेकिन जब डकार अधिक आए तो इसके पीछे पाचन तंत्र के ऊपरी भाग में पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रोपारेसिस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। जब लगातार डकार आती हैं तो लोग विचलित हो जोते हैं और उन्हें समझ में नहीं आता कि इन्हें कैसे रोका जाए। डकार में पेट की गैस को मुंह से निकाला जाता है जिसमें कभी कभी अजीब सी आवाज़ और गंध होती है। अधिकतर डकार आना किसी बीमारी का संकेत नहीं है। फिर भी समाज में इसे स्वीकार नहीं किया जाता। भारतीय संस्कृति में कुछ स्थितियों में इसे स्वीकार नहीं किया जाता। जापान में इसे शिष्टाचार के विरुद्ध समझा जाता है। पश्चिमी सभ्यता जैसे उत्तरी अमेरिका, फ्रेंच और जर्मन में भी डकार को उचित नहीं समझा जाता तथा ऐसा माना जाता है कि डकार आने पर आपको आवाज़ दबाने का प्रयत्न करना चाहिए तथा माफ़ी मांगनी चाहिए।Dakar Aane Ke Karan or Gharelu Upchar in Hindi
निम्न घरेलू उपचार द्वारा आपकी डकार की समस्या को प्रभावी तरीके से ठीक किया जा सकता है ।
दही– भोजन के पाचन मे सहायक होता है |इसमे मौजूद बेक्टीरिया पेट तथा आंतों से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने मे सहायक है| छाछ या लस्सी का प्रयोग भी लाभप्रद साबित होता है|
काला जीरा – यह पाचन तंत्र को शांत रखता है और कुदरती तौर पर डकार की समस्या को कम करता है| इसे एसे ही खाया जा सकता है या सलाद मे डाला जा सकता है|
अदरक– अदरक के अच्छे चिकित्सकीय गुण आपकी डकार की समस्या के लिये समाधान प्रस्तुत करते है। अदरक के छोटे टुकड़े को तब तक चबायें जब तक की आपके मुंह में रस न आ जाये। अगर आप तीखी गंध को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं तो स्वाद को बदलने के लिये शहद का प्रयोग साथ में करें, आप अदरक की चाय का भी प्रयोग कर सकते हैं जो अदरक लेने के जैसा परिणाम देगा।
नींबू और बेकिंग सोडा– अगर आप बहुत अधिक इस समस्या से परेशान हैं तो डकार में प्रभावी कमी के लिये इस घरेलू उपचार को अपनाने का प्रयास कर सकते हैं। एक चम्मच नींबू रस और ¼ चम्मच बेकिंग सोडा को लेकर इसे 2 ग्लास पानी के साथ मिश्रण बनाकर हिलाकर इसे पी डालें। यह रसोई आधारित सलाह इस से आपको राहत दिलायेगा।
पानी – जल सिर्फ जीवन ही नहीं बल्कि कई समस्याओं का समाधान भी है। यदि लगातार डकार आए तो थोड़ा-थोड़ा कर ठंडा पानी पीजिये। ऐसा करने से जल्द ही डकार आना बंद हो जाती हैं।
सौंफ – सौंफ पेट से सम्बंधित समस्याओं के लिए लाभदायक होती है। इसके सेवन से पेट में वायु की शिकायत ख़तम होती है। सौंफ का रस और गुलाबजल बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से हिचकी और डकार आना रुक जाती हैं। आप सौंफ को चबा भी सकते हैं।
इलायची – डकार आने पर इलायची डाल कर गरमा-गरम चाय बनाएं और धीरे-धीरे कर पियें। इलायची की चाय पीने से इस आने की समस्या से जल्द छुटकारा मिल जाता है

जानिए डकार आने के कारणों के बारे में: प्रायः भोजन करने के बाद पानी पीने पर व्यक्ति को डकार आती है और वह समझता है कि उसका पेट भर गया अथवा वायु विकार हो गया है। लेकिन ये दोनों बातें गलत हैं। वस्तुतः भोजन करने के बाद पानी पीने पर डकार आना स्वस्थ और नीरोग शरीर का द्योतक है। यह डकार खट्टी डकार या वायु विकार की डकार से एकदम अलग होती है और एकदम खुलकर आती है।
क्यों आती है डकार- जब हम भोजन करते हैं तो उसके साथ कुछ वायु भी पेट में प्रवेश कर जाती है। भोजन नली और आमाशय के बीच एक वॉल्व होता है, जो भोजन करते समय ही खुलता है। जब हम भोजन कर लेते हैं तो यह वॉल्व बंद हो जाता है। इससे पेट में कुछ वायु एकत्र हो जाती है। ऐसे में हमारा मस्तिष्क उस वायु को बाहर निकालने का आदेश देता है। तब शरीर की कुछ मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं। फिर भोजन नली और आमाशय के बीच का वॉल्व कुछ देर के लिए खुल जाता है। ऐसे में वायु गले और मुंह से होती हुई बाहर आती है जिसे ‘डकार’ कहा जाता है। यह डकार पेट भरने का परिचायक नहीं है।
डकार में आवाज क्यों आती है-जब आमाशय में एकत्र वायु भोजन नली में आती है तो कंपन करने लगती है। ऐसी स्थिति में यह वायु गले और मुंह से बाहर निकलने पर आवाज पैदा करती है। अगर पेट की वायु बाहर निकलने पर कंपन न करे तो आवाज नहीं होगी। लेकिन ऐसा नहीं होता, क्योंकि यह शरीर की एक स्वाभाविक क्रिया है।
डकार न आने पर बेचैनी-अगर डकार न आए यानी मस्तिष्क पेट में एकत्रित वायु को बाहर निकालने के लिए आदेश देने में विलंब करे तो हमें बेचैनी होने लगती है।
ऐसे में पेट दर्द या सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।


Post time: Jun-22-2017
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